लॉक डाउन मे ढील देने के साथ ही कच्चे तेल के भाव मे तेज़ी लौट आई है। एक सप्ताह में अमेरिकी कच्चे तेल के भाव 12 डॉलर से बढ़ कर 24 डॉलर हो गए है। घरेलु वायदा मे कच्चा तेल 800 रुपय से बढ़कर 2000 रुपय प्रति बैरल हो चुका है।
नायमैक्स कच्चे तेल के भाव अप्रैल माह मे शून्य से नकारात्मक स्तर पर चले गए थे क्योकि सट्टेबाजों के पास वास्तविक तेल लेकर रखने की व्यवस्था नहीं थी। अमेरिका में गैसोलीन की मांग में लगातार दो हफ्तों से वृद्धि हुई है, जो अप्रैल के मध्य में 53.1 लाख बैरल प्रति दिन से बढ़कर 1 मई को 66.6 लाख बैरल हो गई है।
तेल की कीमतों में वृद्धि व्यापक वित्तीय बाजारों में तेजी के रुख को दर्शाती है। मार्च के मध्य से डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज लगभग 30 प्रतिशत ऊपर है। फेडरल रिजर्व ने खरबों डॉलर स्टॉक और बॉन्ड में लगाया है। लेकिन वित्तीय बाजार मे समर्थन के साथ, लगभग 3.3 करोड़ लोगों ने बेरोजगारी के लिए दावे दायर किये है। हर जगह के छोटे-छोटे व्यवसाय ख़त्म हुए हैं। वित्तीय बाजार वास्तविक अर्थव्यवस्था से अलग दृश्य दिखा रहे है। घरेलु कच्चे तेल वायदा मे पिछले सप्ताह 3 प्रतिशत की तेज़ी देखी गई और दो सप्ताह मे भाव दुगने से ज्यादा बढ़े है। हालांकि डब्ल्यूटीआई वायदा गुरुवार को 2 फीसदी की गिरावट के बाद11 फीसदी से अधिक उछल गया और सप्ताह के आधार पर 25 फीसदी बढ़ा। अमेरिका में गैसोलीन की रिबाउंडिंग मांग और तेल उत्पादन के तेजी से घटने के संकेतों के कारण अमेरिकी उत्पादकों ने कुछ ही हफ्तों में उत्पादन में प्रति दिन 10 लाख बैरल से अधिक की कटौती की है, जिससे तेल की कीमतें ठीक हो गई है। इस बीच अन्य निवेशकों ने चेतावनी जारी रखी कि ओपेक और कुछ अमेरिकी उत्पादकों द्वारा उत्पादन में कटौती के बाद भी भंडारण के स्थान तेजी से भर रहे हैं जो ऊपरी स्तर पर कच्चे तेल के भाव मे दबाव बनाने के लिए पर्याप्त होंगे।
इस सप्ताह कच्चे तेल के भाव मे तेज़ी रह सकती है और इसमें 2270 रूपये पर प्रतिरोध और 1600 रूपये पर समर्थन है।