प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार सातवीं बार स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर लाल क़िले से राष्ट्रध्वज लहराया.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनना ही होगा क्योंकि हम कच्चे माल का आपूर्तिकर्ता नहीं रह सकते. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक बार ठान लेता है तो करके दम लेता है.
देश में नेशनल डिज़िटल हेल्थ मिशन की शुरुआत की जाएगी. इसमें सभी नागरिकों को एक हेल्थ आईडी दी जाएगी और इसमें स्वास्थ्य से जुड़े सभी रिकॉर्ड रहेंगे. उन्होंने बताया कि भारत में कोरोना की तीन वैक्सीन अलग-अलग चरणों में ट्रायल की प्रक्रिया में हैं.
जैसे ही वैज्ञानिकों से इस वैक्सीन को हरी झंडी मिलेगी बड़े पैमाने पर उसका उत्पादन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिकर तक वैक्सीन कम से कम समय में कैसे पहुंचे, इसका खाका भी तैयार है।
देश में 30 कंपनियां कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटी हैं। लेकिन हम आपको यहां कुछ कंपनियों के बारे में बता रहे हैं जो कोरोना वैक्सीन को लेकर काम कर रही हैं। हैदराबाद की भारत बायोटेक, Indian Council of Medical Research (ICMR) और National Institute of Virology मिलकर एक वैक्सीन तैयार कर रहे हैं।
इस वैक्सीन का नाम है Covaxin। रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले चरण के शुरुआती नतीजों में ये वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है। इस देसी वैक्सीन के फेज-1 और फेज-2 के ट्रायल के लिए 12 मेडिकल संस्थानों को चुना गया है। इसमें एम्स भी शामिल है।
Serum Institute of India भी अगले कुछ हफ्तों में कोरोना वैक्सीन का मानवीय परीक्षण (Human trials) की शुरुआत करेगी। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका मिलकर बना रही है। अभी इस वैक्सीन के फेज-2 और फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल को शुरू किया जाएगा। इसके पूरा होने के बाद SII 25 अगस्त के बाद मानवीय परीक्षण शुरू कर सकती है। सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि वैक्सीन अगले साल यानि 2021 की पहली छमाही में आने की उम्मीद है।
अहमदाबाद की बड़ी दवा कंपनी (जायडस कैडिला) ने भी कोरोना वैक्सीन बना रही है। उसने पहले चरण की टेस्टिंग भी शुरू कर दी है। दिल्ली की एक बायोटेक्नोलॉजी कंपनी Panacea Biotec भी कोरोना वैक्सीन के लिए काम कर रही है। कंपनी ने अमेरिकी कंपनी Refana के साथ मिलकर इसका करार किया है।