उत्तर प्रदेश में अब होटल और रिसॉर्ट में बिना लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था पूरे प्रदेश के लिए लागू कर दी गई। इससे पहले यह व्यवस्था गाजियाबाद और लखनऊ में शुरू की गई थी। एल-1 प्लस की इस सुविधा के लिए प्रदेश के जिलों के डीएम होटल में आइसोलेशन पर रहने वाले मरीजों के लिए दरों का निर्धारण करेंगे। लेकिन डबल बेड वाले कमरे का प्रतिदिन का चार्ज दो हजार से अधिक नहीं होगा। एक व्यक्ति के लिए भोजन समेत केवल एक हजार होगा।
कोविड-19 संक्रमण के चुनौतीपूर्ण समय में मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के सतत प्रयासों से प्रदेश में जनजीवन सहज और आर्थिक गतिविधियां सुचारू हो रही हैं।
आज टीम-11 के साथ बैठक में स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने जनहितार्थ विभिन्न निर्देश दिए। pic.twitter.com/K4OEdWoNLW
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 20, 2020
यह जानकारी चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने दी। चूंकि बिना लक्षण वाले मरीजों को केवल 10 दिन ही भर्ती रहना पड़ता है। ऐसे में होटल में सरकारी चिकित्सीय व्यवस्था के लिए केवल दो हजार रुपए एक मुश्त टोकन मनी के रूप में देंगे। जिन मरीजों को निशुल्क इलाज कराना है तो सरकार उनका अपने कोविड अस्पतालों में भर्ती करेगी। इस सिलसिले में शासनादेश जारी कर दिया गया है।
हर जिले में कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर
इसके साथ हर जिले में इंट्रीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर भी स्थापित किए जाने का आदेश जारी हो गया है। इसमें कोरोना ही नहीं संक्रामक रोग के बारे में चले रहे सर्विलांस, जांच, चिकित्सा कर्मियों और अन्य सभी कामों का ब्योरा संबंधित विभाग के लोग देंगे। जिले में कोरोना संक्रमण नियंत्रण की कार्रवाई भी इसी कंट्रोल रूम के मार्फत होगी।
प्रदेश में टेस्टिंग विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से कहीं ज्यादा हो रही है। डब्ल्यू एचओ ने एक लाख की आबादी पर 14 टेस्टिंग होने का मानक निर्धारित कर रखा है। इस तरह मानक के अनुसार प्रदेश में आबादी के हिसाब से 32 हजार प्रतिदिन टेस्टिंग होनी चाहिए। लेकिन पिछले 24 घंटों में 44 हजार से ज्यादा टेस्टिंग की गई है। अब तक पूरे प्रदेश में 14 लाख 70 हजार से ज्यादा टेस्टिंग हो चुकी है।
कोविड-19 संक्रमण के चुनौतीपूर्ण समय में मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के सतत प्रयासों से प्रदेश में जनजीवन सहज और आर्थिक गतिविधियां सुचारू हो रही हैं।
आज टीम-11 के साथ बैठक में स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने जनहितार्थ विभिन्न निर्देश दिए। pic.twitter.com/K4OEdWoNLW
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यह जानकारी चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने दी। चूंकि बिना लक्षण वाले मरीजों को केवल 10 दिन ही भर्ती रहना पड़ता है। ऐसे में होटल में सरकारी चिकित्सीय व्यवस्था के लिए केवल दो हजार रुपए एक मुश्त टोकन मनी के रूप में देंगे। जिन मरीजों को निशुल्क इलाज कराना है तो सरकार उनका अपने कोविड अस्पतालों में भर्ती करेगी। इस सिलसिले में शासनादेश जारी कर दिया गया है।
हर जिले में कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर
इसके साथ हर जिले में इंट्रीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर भी स्थापित किए जाने का आदेश जारी हो गया है। इसमें कोरोना ही नहीं संक्रामक रोग के बारे में चले रहे सर्विलांस, जांच, चिकित्सा कर्मियों और अन्य सभी कामों का ब्योरा संबंधित विभाग के लोग देंगे। जिले में कोरोना संक्रमण नियंत्रण की कार्रवाई भी इसी कंट्रोल रूम के मार्फत होगी।
प्रदेश में टेस्टिंग विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से कहीं ज्यादा हो रही है। डब्ल्यू एचओ ने एक लाख की आबादी पर 14 टेस्टिंग होने का मानक निर्धारित कर रखा है। इस तरह मानक के अनुसार प्रदेश में आबादी के हिसाब से 32 हजार प्रतिदिन टेस्टिंग होनी चाहिए। लेकिन पिछले 24 घंटों में 44 हजार से ज्यादा टेस्टिंग की गई है। अब तक पूरे प्रदेश में 14 लाख 70 हजार से ज्यादा टेस्टिंग हो चुकी है।